उसे जिद है आजमाने की और
मेरी आदत है अक्सर रूठ जाने की
कशमकश हो मानों प्यार आजमाने कि
और उस से ज्यादा, रूठे को मनाने की
राहें दर राहें गुजरती है आज कल
यूँ ही मेरी, इंतजार में उसके
पास आने के और फिर दूर जाने के
मगर डरता है दिल हौले से
कि जिंदगी कहीं थम न जाये
डोर कोई बंध न जाये कहीं
इस हँसी के मेल में, और
इंतजार में लिपटे अनकहे, अनजाने
तुझसे लिपटे ख्यालों के खेल में
मेरी आदत है अक्सर रूठ जाने की
कशमकश हो मानों प्यार आजमाने कि
और उस से ज्यादा, रूठे को मनाने की
राहें दर राहें गुजरती है आज कल
यूँ ही मेरी, इंतजार में उसके
पास आने के और फिर दूर जाने के
मगर डरता है दिल हौले से
कि जिंदगी कहीं थम न जाये
डोर कोई बंध न जाये कहीं
इस हँसी के मेल में, और
इंतजार में लिपटे अनकहे, अनजाने
तुझसे लिपटे ख्यालों के खेल में