सरपट भागते रास्तो पर क्यों
जिंदगी मुझे ठहरी नज़र आती है
जब मेरे पहलु में आकर हौले से
तेरी यादें समां जाती है .......
जानती हूँ मैं नहीं हो तुम
करीब मेरे तो फिर क्यों
तकिये की सिलवटो में
तुम्हारी खुशबू महक जाती है.....
जिंदगी मुझे ठहरी नज़र आती है
जब मेरे पहलु में आकर हौले से
तेरी यादें समां जाती है .......
जानती हूँ मैं नहीं हो तुम
करीब मेरे तो फिर क्यों
तकिये की सिलवटो में
तुम्हारी खुशबू महक जाती है.....
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